नमस्कार दोस्तों आज मैं इस आर्टिकल में आपको दिल्ली में घूमने की जगह के बारे में बताऊंगा। दिल्ली में कौन-कौन सी जगह घूमने लायक है, दिल्ली में क्या फेमस है? दिल्ली में खाने की अच्छी दुकानें कहाँ है? दिल्ली में शॉपिंग के लिए कहां-कहां आप जा सकते हैं? तथा दिल्ली घूमने के लिए कितना खर्चा आएगा और दिल्ली जाने का सही समय क्या है? आदि के बारे में विस्तार से बताऊंगा।
दिल्ली में क्यों घूमना चाहिए
दिल्ली के बारे में कहा जाता है कि यह दिल वालों की नगरी है। दिल्ली यमुना नदी की तट पर बसा हुआ भारत के सबसे बड़े महानगरों में से एक है। दिल्ली भारत की राजधानी होने की वजह से यहां पर सभी प्रदेशों के लोग आकर बसे हुए हैं। दिल्ली एक पूर्ण राज्य ना होकर बल्कि एक केंद्र शासित प्रदेश है।
दिल्ली में घूमने की जगह के बारे में अगर बात की जाए तो यहां पर बहुत सारी ऐसी जगहें मिल जाएंगी जहां हम घूम सकते हैं। दिल्ली भारत की राजधानी है और यह आज से नहीं बल्कि सैकड़ों साल से है। तो यहां पर बहुत सारे धार्मिक स्थल, ऐतिहासिक इमारतें, खाने पीने की जगह तथा बड़े-बड़े मार्केट हैं। यहां पर बच्चों के लिए बहुत सारे एडवेंचरस पार्क तथा युवाओं के लिए यहां पर डिस्को पब्स आदि भी मिल जाते हैं।
दिल्ली से संबंधित कुछ रोचक तथ्य
दिल्ली को प्राचीन इंद्रप्रस्थ की राजधानी के रूप में भी जाना जाता है।
19वीं शताब्दी के आरंभ तक दिल्ली में इंद्रप्रस्थ नाम का नगर पाया जाता था
दिल्ली का नाम ईसा से 1000 वर्ष पूर्व महाभारत काल में भी प्रचलित था।
ऐसा माना जाता है कि आधुनिक दिल्ली बनने से पहले दिल्ली सात बार उजड़ी और बसी है
नई दिल्ली को अंग्रेजी आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस के द्वारा डिजाइन किया गया था।
आज का पुराना पार्लियामेंट, राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री आवास आदि लुटियंस की ही देन है।
भारत का प्रसिद्ध क्रिकेट स्टेडियम जिस का पुराना नाम फिरोज शाह कोटला था और अब अरुण जेटली क्रिकेट स्टेडियम हो गया वह भी यहां पर स्थित है।
दिल्ली शहर के अंदर 3 यूनेस्को विश्व धरोहर ऐतिहासिक स्थल है जहाँ पर लोग घुमने के लिए आते हैं।
2010 दिल्ली में कामनवेल्थ गेम हुआ था जो कॉमनवेल्थ खेलों के इतिहास में सबसे महंगा आयोजन था और इसका रिकॉर्ड आज तक भी नहीं टूटा है।
भारत का सबसे व्यस्ततम हवाई अड्डा इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी दिल्ली में स्थित है
यहां पर देश का सबसे पुराना रेस्टोरेंट्स स्थित देखने को मिलेगा
दिल्ली में एक हाइफा चौक भी है जो उन भारतीय सैनिकों की याद में बनाया गया है जो यहुदी लोगों को बचाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी।
दिल्ली में घूमने की जगह लिस्ट
अगर दिल्ली में घूमने की जगह की लिस्ट बनाई जाए तो यह लिस्ट बहुत लंबी चौड़ी हो जाएगी लेकिन आज हम आपको दिल्ली के सबसे प्रसिद्ध स्थलों के बारे में जानकारी देंगे।
इंडिया गेट
दिल्ली घूमने आने वाले लोगों के लिए सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थलों में से एक इंडिया गेट है। यह भारत के प्रसिद्ध इमारतों में से एक है, इस जगह को अखिल भारतीय युद्ध स्मारक के रूप में भी जाना जाता है। यह गेट दिल्ली के राजपथ मार्ग पर स्थित है। इस गेट का निर्माण सन 1921 में करवाया गया था।
यह गेट का निर्माण प्रथम विश्व युद्ध में मारे गए 90000 भारतीय सैनिकों की स्मृति में कराया गया था। इस स्मारक के परिसर में स्थित अमर जवान ज्योति सन 1971 से लगातार प्रज्वलित है। इस स्थान पर प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को परेड कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है जिसमें देश और विदेश के अतिथि शामिल होते हैं। रविवार के दिन यहां पर स्थानीय और बाहरी पर्यटकों की भीड़ बहुत होती है।
लोटस टेंपल
अगर आप दिल्ली आए और लोटस टेंपल को नहीं देखा तो आपने दिल्ली का सबसे बेहतरीन स्थल को नहीं देखा। यह टेंपल एक बहाई उपासना स्थल है। इस मंदिर के अंदर किसी भी देवी देवता की मूर्ति स्थापित नहीं है। इस मंदिर के अंदर आपको असीम शांति का अनुभव होगा। यह मंदिर सफेद कमल के फूल के आकार में बना हुआ है।
इस मंदिर की वास्तुकला और बेहतर नक्काशी और चारों तरफ के हरे भरे वातावरण यहां आने वाले पर्यटकों को काफी ज्यादा आकर्षित करते हैं। यहां पर हर समय देश विदेश से टूरिस्ट आते हैं। यह मंदिर नेहरू प्लेस के पास में ही स्थित है। इस मंदिर का निर्माण 1986 में किया गया था।
अक्षरधाम टेंपल
अक्षरधाम मंदिर दुनिया के सबसे बड़े हिंदू मंदिर के रूप में गिनीज वर्ल्ड ऑफ बुक में दर्ज है। यह मंदिर भारतीय सनातन संस्कृति और आध्यात्मिकता का जीवंत प्रतीक है। यह मंदिर भगवान स्वामीनारायण को समर्पित है।
यह अपनी असाधारण कला के लिए भी जाना जाता है, इसमें आठ नक्काशी धार मंडप है तथा इनके दीवारों पर दो हजार से अधिक देवी देवताओं और महान संत महात्माओं की छोटी बड़ी मूर्तियों को बड़ी खूबसूरती के साथ उकेरा गया है। मंदिर के परिसर में टूरिस्टों के खाने पीने के लिए कैंटीन की भी व्यवस्था की गई है।
इसके अतिरिक्त कीमती चीजों को रखने के लिए लाकर की व्यवस्था की गई है। इस मंदिर के अंदर किसी भी तरह की इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को ले जाने का निषेध है। इसके बारे में टूरिस्टों को ध्यान रखना चाहिए।
लाल किला
लाल किले का निर्माण मुगल सम्राट शाहजहां ने 1639 में किया था। यह मुगलों की राजधानी हुआ करती थी लेकिन आज के समय में यह दिल्ली टूरिस्ट प्लेस का हिस्सा है। यह लाल किला यूनेस्को विश्व धरोहर में शामिल है। अगर आप इतिहास के प्रेमी हैं और पुराने किलो को देखना चाहते हैं तो आपको यहां पर जरूर आना चाहिए।
भारत के प्रधानमंत्री 15 अगस्त के दिन यहां से भाषण देते हैं और यहां पर ध्वजारोहण भी करते हैं। 15 अगस्त के दिन यहां पर भारी मात्रा में दर्शक ध्वजारोहण के कार्यक्रम को देखने के लिए आते हैं। इसके अलावा अन्य दिन भी पर्यटक इसे देखने हजारों की संख्या में देखने आते हैं।
इस किले के भीतर एक बहुत बड़ा पार्क मौजूद है तथा साथ में कई महले भी बने हुए हैं जो अब तक खंडहर में तब्दील हो चुके हैं। इसके अंदर एक संग्रहालय भी है जो अब नेताजी सुभाष चंद्र बोस संग्रहालय के नाम से जाना जाता है। लाल किले के भीतर बहुत सारी दुकानें भी हैं जहां पर आप शॉपिंग कर सकते हैं।
प्रत्येक सप्ताह के सोमवार को यह किला बंद रहता है। यहां पर शाम के समय लेजर लाइट शो भी होता है जो बहुत ही अद्भुत दिखाई देता है।
नेशनल जूलॉजिकल चिड़ियाघर
अगर आप दिल्ली अपने परिवार के बच्चों के साथ भी आ रहे हैं तो दिल्ली में स्थित नेशनल जूलॉजिकल चिड़ियाघर को जरूर विजिट करें। इस चिड़ियाघर में आपको भारत के ही नहीं बल्कि दुनिया भर में विलुप्त हो चुके पशु पक्षियों के समूह देखने को मिल जाते।
इस जूलॉजिकल चिड़ियाघर में आपको भालू, हाथी, चीता जिराफ़, बाघ, शेर, गोरिल्ला जैसे जानवरों के अतिरिक्त कई जहरीले सांप और दुर्लभ पक्षियों भी दिख जाती है।
क़ुतुब मीनार
कुतुब मीनार का निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक में 1199 में करवाया था। इस मीनार का निर्माण 27 हिन्दू और जैन मंदिरों को तुड़वा कर किया गया था। इस मीनार की दीवारों में आज भी हिन्दू देवी देवताओं की मुर्तियां और कमल के अवशेष दिखाई देते हैं। समय-समय पर कई शासकों ने इस मीनार का जीर्णोद्धार करवाते रहें हैं।
कुतुब मीनार की लंबाई 72.5 मीटर है। यह दिल्ली की सबसे बड़ी इमारतों में से एक है। कुतुबमीनार यूनेस्को द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज साइट का दर्जा प्राप्त है। कुतुब मीनार परिसर में ही भारत के अन्तिम हिन्दू महाराजा पृथ्वीराज चौहान के नाना अनंगपाल द्वारा स्थापित किया गया था।
ओखला बर्ड सेंचुरी
ओखला बर्ड सेंचुरी दिल्ली एनसीआर के नोएडा दिल्ली बॉर्डर पर स्थित है। यह पंछी अभयारण्य 4 किलोमीटर के एरिया में फैला हुआ है। यह उस केंद्र पर स्थित है जहां से यमुना नदी उत्तर प्रदेश में प्रवेश करती है। इसे सन 1990 में अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया गया था। यहां पर आपको 188 प्रकार के पेड़ पौधे की प्रजातियां पाई जाती है।
इनमें से 121 प्रजातियां जड़ी बूटियों की है तथा 10 प्रजातियां झाड़ियों की और 30 प्रजातियां पेड़ों की है तथा 9 प्रजातियाँ चढ़ने वाले पौधों के तथा 16 घास की प्रजातियाँ है। यहां पर आपको 320 पंछियों की प्रजातियां भी मिल जाती है। इस हरे भरे जंगल के बीच पंछियों की चहचहाहट की आवाज बहुत ही मधुर प्रतीत होती है।
इनकी चहचहाहट को सुनने के लिए हजारों सैलानी इस स्थान पर रोज आते हैं। इस बर्ड सेंचुरी के अंदर एक बहुत बड़ी झील बनी हुई है और इसके चारों ओर व्यूप्वाइंट भी बनाए गए हैं जहां से पर्यटक पंछियों को तालाब में देख सकते हैं।
जामा मस्जिद
जामा मस्जिद भारत की सबसे बड़ी मस्जिद है, जिसका निर्माण मुगल सम्राट बादशाह शाहजहां ने 1656 ईस्वी में किया था। यह मस्जिद लाल पत्थरों और संगमरमर का बना हुआ है। लाल किले से जामा मस्जिद की दूरी मात्र 500 मीटर है। जामा मस्जिद का पूर्वी द्वार केवल शुक्रवार के दिन ही खुलता है।
इसके बारे में कहा जाता है कि इस द्वार का प्रयोग बादशाह शाहजहां के द्वारा किया जाता था। इसका प्रार्थना घर बहुत ही सुंदर है। इस मस्जिद में एक साथ 25000 लोग नमाज पढ़ सकते हैं। इस मस्जिद में जाने के लिए कोई एंट्री फीस नहीं देनी होती है।
जंतर मंतर
जंतर मंतर का निर्माण महाराजा जयसिंह द्वितीय ने 1724 में करवाया था। दिल्ली का जंतर मंतर एक खगोलीय वेधशाला है। यह इमारत वैज्ञानिक उन्नति की मिसाल है। महाराजा जयसिंह ने दिल्ली के जंतर मंतर के अलावा चार अन्य वेद शालाओं का निर्माण किया था।
दिल्ली का जंतर मंतर समरकंद की वेधशाला से प्रेरित है। यहां पर ग्रहों को नापने के लिए विभिन्न प्रकार के उपकरण लगाए गए हैं।
हुमायूं का मकबरा
हुमायूं का मकबरा केवल हुमायूं का मकबरा नहीं है बल्कि यहां पर अन्य मुगल परिवार के सदस्यों को भी दफनाया गया है। इस मकबरे का निर्माण हुमायूं की विधवा बेगम हमीदा बानो बेगम के आदेश पर बनाया गया था। हुमायूं के मकबरे के चारों ओर बाघ का निर्माण किया गया था जिसे चारबाग के नाम से जाना जाता है।
लोगों को आने जाने के लिए एक दो मंजिला प्रवेश द्वार पश्चिम दिशा में और दक्षिण दिशा में बने हैं। हुमायूं का मकबरा देखने के लिए देश-विदेश के पर्यटक हजारों की संख्या में प्रतिदिन आते रहते हैं।
शिल्प संग्रहालय क्राफ्ट म्यूजियम
आज के इस शहरीकरण के कारण बहुत से लोग गांव के रहन सहन उसकी संस्कृति से परिचित नहीं है।ऐसे लोगों के लिए ही शिल्प संग्रहालय को बनाया गया है। जिससे लोग गांव के घर, वहां की झोपड़ियां, वहां की संस्कृति, वहां के रहन-सहन और गांव के माहौल का आनंद ले सकें। अगर आप दिल्ली आ रहे हैं तो शिल्प संग्रहालय को एक बार अवश्य देखें।
यहां पर आपको बैलगाड़ी, झोपड़ी, पेड़ पौधे जैसी कई चीजें देखने को मिल जाती हैं जो आपको गांव के माहौल जैसा महसूस कराती हैं।
संजय वन
संजय वन दिल्ली के वसंत कुंज और महरौली के पास का एक विशाल शहरी वन क्षेत्र है। संजय वन 443 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। यह दिल्ली शहर के बीच में सबसे बड़े इलाके में सबसे घने जंगलों वाले क्षेत्रों में से एक है। अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं तो आपको यहां पर जरूर आना चाहिए। यहां का नजारा देख कर आपका मन प्रफुल्लित हो जाएगा।
एक विरासत के अलावा यह क्षेत्र पक्षी प्रेमियों और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक एकांत स्थानों में से एक है। यहां पर देश-विदेश के पंछियों को देखा जा सकता है। इस जंगल में जंगली नीलगाय, सुनहरे सियार, सांपों की विभिन्न प्रजातियां तथा तितलियों की विभिन्न प्रजातियों के लिए यह एक प्राकृतिक आवास भी है। यह एक अरावली पर्वत माला का क्षेत्र है तो यहां पर छोटी बड़ी पहाड़ियां तथा समतल भूमि दिखाई देती हैं।
वेस्ट टू वंडर पार्क
अगर आप एफिल टावर, ताजमहल, स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी आदि 7 आश्चर्यों को देखना चाहते है और इसके लिए आप उन विदेशी जगहों पर जा नहीं सकते हैं। लेकिन आप इन सभी सात आश्चर्यो को एक जगह देखना चाहते हैं तो इसके लिए आपको दिल्ली के वेस्ट टू वंडर पार्क आना होगा।
यहां पर आपको सभी सात आश्चर्य एक जगह देखने को मिल जाता है और इन सातों आश्चर्यो का निर्माण पुरानी वस्तुओं को रिसाइकल करके बनाया गया है। अगर आप अपने बच्चों के साथ यहां आना चाहते हैं तो यहां की एंट्री फीस बच्चों के लिए ₹25 तथा बड़ों के लिए ₹50 तथा 60 साल से अधिक के बुजुर्गों के लिए यह एंट्री फीस फ्री है।
दिल्ली के सबसे अच्छे घूमने लायक जगह में से यह सबसे अच्छी जगह है। इस पार्क के खुलने का समय सुबह 10:00 बजे से रात्रि के 11:00 बजे तक है।
एडवेंचर आइलैंड
अगर आप दिल्ली की यात्रा के दौरान रोमांचित करने वाले गतिविधियों का आनंद लेना चाहते हैं तो इसके लिए आपको दिल्ली एनसीआर के एडवेंचर आईलैंड को जरूर विजिट करना चाहिए। यहां पर बच्चों के लिए, वयस्कों के लिए तथा कपल्स के लिए तथा हर उम्र के लोगों के लिए यहा पर कुछ ना कुछ मनोरंजक गतिविधियां करने के लिए है।
यहां पर विभिन्न प्रकार के झूले, वाटर स्लाइड, ट्विस्टर वेव राॅकर, बुश बग्गीज, इट्स ए रिंगा रिंगा थिंग, स्काई राइडर्स, स्प्लैश डंक और बम्पर कारे तथा पानी की सवारी जैसे अनगिनत रोमांचित करने वाला गतिविधियाँ करने को है।
फन एंड फूड क्राफ्ट द्वारिका
दिल्ली एनसीआर में कई सारे वाटर पार्क मौजूद हैं लेकिन द्वारका स्थित इस फन क्राफ्ट की खास बात यह है कि इसे अत्याधुनिक तरीके से तैयार किया गया है। भारत में इसके टक्कर का एक भी वाटर पार्क नहीं है। इस वाटर पार्क में आप वाटर स्लाइडिंग और झरनों का मजा ले सकते हैं। वाटर पार्क के साथ-साथ यहां पर रेस्टोरेंट भी है जहां पर आप अपनी मनपसंदीदा भोजन कर सकते हैं।
इस्कॉन टेंपल
इस्कॉन टेंपल दिल्ली में स्थित है और यह भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी को समर्पित हिन्दू मंदिर है। इस मंदिर का दूसरा नाम श्री श्री राधा पार्थसारथी मंदिर है। इस मंदिर में भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी की मूर्तियाँ हैं तथा इसके अलावा यहां पर हिन्दू कल्चरल सेंटर भी हैं। यहां की हिन्दू कल्चरल सेंटर में विश्व की सबसे बड़ी भगवत गीता की प्रिंटेड संस्करण है।
फाइव सेंसेज गार्डन दिल्ली
फाइव सेंसेज गार्डन मेहरौली और साकेत के बीच में स्थित है। यह उद्दान दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन विकास निगम द्वारा विकसित किया गया है। इस उद्यान को 20 एकड़ क्षेत्र में बनाया गया है जिसमें 200 से अधिक प्रकार के मोहक और सुगंधित पौधों पौधे भी हैं।
अपने नाम के अनुसार यह शरीर के पांच ज्ञानेंद्रियों आंख, कान, नाक, त्वचा और जीभ की भूख को समर्पित है। जहां पर प्रवेश शुल्क वयस्कों के लिए ₹20 तथा बच्चों के लिए ₹10 है।
नेशनल रिसर्च सेंटर दिल्ली
अगर आप अपने बच्चे को विज्ञान की रिसर्च और पुरातन चीजों को दिखाना चाहते हैं तो आपको दिल्ली के नेशनल रिसर्च सेंटर जरूर आना चाहिए।यहां पर आप अपने बच्चों को खगोल विज्ञान, मानव शरीर, धातु विज्ञान, बुनाई, चिकित्सा, हथियार, वास्तुकला और जीवन में विज्ञान के अन्य पहलुओं के बारे में बता सकते हैं। यह बिल्डिंग 3 मंजिला है। यहां का एंट्री फीस ₹70 प्रति व्यक्ति है।
लोधी गार्डन
लोधी गार्डन, हुमायूं मकबरे के पास स्थित है। यह एक हरा भरा उद्यान है जहाँ पर लोदी वंश के मकबरे हैं। यह लगभग 90 एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ है। गार्डन से पहले यह एक गांव था जिसे अंग्रेजों ने पार्क के रूप में विकसित किया था। सन् 1947 में जब हमें स्वतंत्रता मिली तो इस उद्यान का नाम लेडी वेलिंगटन पार्क से लोधी उद्यान कर दिया गया।
पुराना किला
इस पुराने किले का निर्माण शेरशाह सूरी ने अपने शासनकाल में करवाया था। इस किले के अंदर एक बहुत बड़ा पार्क है। इसके 3 दरवाजे उत्तर, पश्चिम और दक्षिण दिशा में है। आजकल पश्चिमी दरवाजे का प्रयोग जिले में प्रवेश के लिए किया जाता है। इस किले को देखने के लिए पूरे देश भर से पर्यटक आते रहते हैं। यहां पर बहुत सारी भारतीय फिल्मों की शूटिंग की गई है। यहां पर बहुत से ऐतिहासिक चीजें हैं। इस किले की चारदीवारी 2.4 किलोमीटर लंबी है।
गांधी स्मारक
भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का समाधि स्थल राजघाट पर स्थित है। यह एक बहुत बड़े क्षेत्रफल में फैला हुआ है और इसके चारों तरफ बहुत ही खूबसूरत पार्क है। यहां पर उनकी समाधि स्थल जहां पर स्थित है वह काले संगमरमर से बना हुआ है। इसके नीचे गांधीजी के अंतिम शब्द हे राम अंकित किया हुआ है। इस गांधी समाधि के पास ही जवाहरलाल नेहरू समाधि स्थल भी है।
राष्ट्रीय रेल म्यूजियम
राष्ट्रीय रेल म्यूजियम दिल्ली के चाणक्यपुरी में स्थित है यह भारत की रेल धरोहर पर आपका ध्यान आकर्षित करता है। यहां पर आपको भारत में रेलवे जब शुरू हुआ था तब से लेकर आज तक जो भी रेलवे में क्या-क्या बदलाव हुए उन सभी चीजों को यहां पर दिखाया गया है। यहां पर आप रेलवे के अलग-अलग इंजन और अलग-अलग डिजाइन से आप परिचित होंगे। इसके अतिरिक्त यहां पर छोटी-छोटी रेलगाड़ियां भी चलती है जो आपको इस रेल म्यूजियम का पूरा चक्कर लगवाती हैं। यह रेल म्यूजियम सुबह 9:30 बजे से लेकर शाम के 7:00 बजे तक खुली रहती है तथा सर्दियों के समय में यह सुबह 9:30 बजे से लेकर शाम के 5:00 बजे तक खुली रहती है।
दिल्ली हाट
दिल्ली हाट एम्स से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां आकर संपूर्ण भारत का दर्शन हो जाता हैं। यह एक ऐसा पर्यटन स्थल है जहां पर हस्तशिल्पी और बुनकर अपना हस्तशिल्प बिना बिचौलिए के सीधे खरीदारों को बेच सकते हैं। यहां पर आपको भारत के हर प्रदेश का भोजन मिल जाता है। यहां पर मिलने वाला स्वादिष्ट भोजन दिल्ली हाट को महत्वपूर्ण बनाता है। दिल्ली हाट की शुरुआत 1994 में हुई थी जब 25 प्रदेशों को यहां पर खाने की दुकानें उपलब्ध कराई गई थी। यहां पर आप सभी प्रदेशों के नाच गानों का भी लुत्फ उठा सकते हैं।
हौज खास किला
अगर आप आपको इतिहास में रुचि है तो आप हौज खास किला को देखने के लिए आ सकते हैं। इस किले का निर्माण सन 1380 में अलाउद्दीन खिलजी ने किया था। हौज शब्द एक फारसी शब्द है जिसका प्रयोग पानी की टंकी या झील के लिए किया जाता है तथा खास का अर्थ शाही से लिया गया तो इसका शाब्दिक अर्थ हुआ शाही पानी की टंकी या झील। इस किले के अंदर एक विशाल पानी की झील, एक मदरसा एक मस्जिद एक मकबरा और एक गांव है और एक पार्क है।
मेट्रो म्यूजियम
दिल्ली मेट्रो म्यूजियम किया स्थापना 2009 में किया गया था। यह म्यूजियम का निर्माण दिल्ली के पटेल चौक मेट्रो स्टेशन पर किया गया है। यहां पर आपको दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन की तारीखवार उपलब्धियों को दर्शाया गया है। यहां पर ड्राइंग पेंटिंग की प्रतियोगिताएं कराई जाती है तथा यहां पर आप कठपुतली शो और फिल्म के माध्यम से दिल्ली मेट्रो की उपलब्धियों को दर्शाया जाता है।
द्वारका लेक
द्वारका झील दिल्ली के द्वारका नामक स्थान पर स्थित है। दिल्ली सरकार की यह योजना थी कि उदयपुर की तर्ज पर दिल्ली को झीलों का शहर बनाया जाए। इस झील के अंदर आप बोटिंग कर सकते हैं तथा यहां पर झील के आसपास बहुत सारे पेड़ पौधे भी लगे हुए हैं जहां पर आप बैठ कर इस झील की खुबसूरती को अपनी आंखों से निहार सकते हैं।
इंदिरा गांधी मेमोरियल
इंदिरा गांधी मेमोरियल 1 सफदरजंग रोड नई दिल्ली में स्थित है। इंदिरा गांधी संग्रहालय भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का प्रधानमंत्री आवास था। यहीं पर इंदिरा गांधी जी की हत्या की गई थी। इस स्थान पर उनकी याद में मेमोरियल बनाया गया है। इंदिरा गांधी जी ने जो कपड़ा उस दिन पहना था जब उनकी हत्या की गई थी उसे भी प्रदर्शनी के रूप में लगाया गया है। यहां पर उनके जीवन की उपलब्धियों को दर्शाया गया है। यह स्मारक सुबह 9:30 से शाम के 5:00 बजे तक खुला रहता है तथा सोमवार के दिन यह स्मारक बंद रहता है। यहां पर एंट्री फीस फ्री है।
दिल्ली के प्रसिद्ध बाजार
अगर आप दिल्ली घूमने आए हैं और आपने दिल्ली में खरीदारी नहीं की तो आपका दिल्ली आना व्यर्थ समझा जाएगा। यहां पर एक से एक प्रसिद्ध बाजार मिल जाएंगे जहां पर आप कम खर्च में बहुत ज्यादा सामान खरीद सकते हैं। कुछ प्रसिद्ध बाजारों के बारे में हम आपको नीचे बताने जा रहे हैं।
करोल बाग
दिल्ली का करोल बाग बाजार अपने इलेक्ट्रॉनिक एसेसरीज के लिए काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। यहां पर इसके अलावा कपड़े, जूते तथा कास्मेटिक्स आदि बहुत ही कम दाम में मिलते हैं। यहां पर थोक के भाव में सेकंड हैंड पुस्तके भी बस 20 से ₹50 में मिल जाती है।
नेहरू प्लेस
दिल्ली के करोल बाग की ही तरह नेहरू प्लेस भी अपने इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों के लिए बहुत प्रसिद्ध है। यहां पर आपको लैपटॉप, मोबाइल तथा अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बहुत ही कम दाम में मिल जाते। यहां पर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की रिपेयरिंग की सुविधा बहुत ही सस्ते दामों में हो जाती है। यह मार्केट एशिया महाद्वीप की सबसे बड़ी मार्केट मानी जाती है।
कनॉट प्लेस राजीव चौक
दिल्ली का सबसे व्यस्त मेट्रो स्टेशन राजीव चौक है जहां से दिल्ली के चारों ओर जाने के लिए मेट्रो मिल जाती है। यहां पर भी आपको सभी प्रकार के सस्ते कपड़े आसानी से मिल जाते। यहां पर डिजाइनर सूट, डिजाइनर शेरवानी, डिजाइनर लहंगे आदि बहुत ही कम दाम में मिल जाते हैं।
गांधी मार्केट
दिल्ली का गांधी मार्केट अपने होलसेल कपड़ों के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर आपको हर वैरायटी के कपड़े मिल जाते हैं। गांधी मार्केट में आपको कपड़े किलो के हिसाब से मिल जाते हैं।
चांदनी चौक
चांदनी चौक दिल्ली का सबसे पुराना और सबसे व्यस्त बाजारों में से एक है। यह भारत के सबसे बड़े थोक बाजारों में से एक है। यह लाल किला के पास स्थित है। यहां पर आपको सभी प्रकार की इलेक्ट्रॉनिक सामान तथा मोबाइल एसेसरी तथा मसाले आदि सामान मिल जाते हैं।
सरोजनी मार्केट
दिल्ली का सरोजनी मार्केट महिलाओं के कपड़ों के लिए तथा कॉस्मेटिक सामानों के लिए पूरे दिल्ली में प्रसिद्ध है। यहां पर आपको ₹20 से लेकर ₹10000 तक के कपड़े मिल जाते हैं। कॉलेज में पढ़ने वाली लड़कियां अपने कपड़े सरोजनी मार्केट से ही खरीदती हैं।
दिल्ली में खाने के लिए क्या फेमस है
दिल्ली के लोग खाने के बहुत शौकीन होते हैं। दिल्ली में स्थित चांदनी चौक की गलियां अपने खाने के प्रसिद्ध है। यहां पर आपको पश्चिमी पाकिस्तान से आए हिंदू और सिक्ख लोगों ने यहां पर अपने पारंपरिक रहन सहन तथा खानों को जीवित रखा है। यहां पर आपको छोले कुलचे, छोले भटूरे, आलू की चाट तथा मांसाहारी खाने जैसे कि कबाब, बिरयानी आदि मिल जाते हैं। देश की राजधानी होने के कारण यहां पर पूरे भारत से लोग आकर बसे हुए हैं जो अपने साथ अपनी पारंपरिक भोजनो को भी यहां पर लाए हुए हैं। यहां पर आपको सभी प्रदेशों के प्रसिद्ध भोजन मिल जाते हैं।
पराठे
विभाजन के समय यहां पर पाकिस्तान के पंजाब तथा लाहौर से लोग बड़ी संख्या में आए और यहां पर उन्होंने अपने साथ पराठे भी लेकर आए। यहां पर आपको पराठे की विभिन्न वैरायटियां मिल जाती है, जैसे कि आलू पराठा, गोभी पराठा मूली पराठा तथा अन्य कई प्रकार के पराठे भी मिल जाते हैं।
निहारी
दिल्ली के लोगों का सबसे पसंदीदा मांसाहारी खाना निहारी है जिसे धीमी आंच पर पकाया जाता है। इसे आप तंदूरी रोटी साथ खा सकते हैं। अगर आप जामा मस्जिद के आसपास घूमने के लिए जाते हैं तो आपको वहां पर कई सारी दुकानें मिल जाएंगी जहां पर आपको निहारी आदि मांसाहारी खाने मिलेगे। शाम के समय तथा रात में यहां की दुकानों पर बहुत भीड़ लगी होती है।
छोले भटूरे
अगर आप दिल्ली आते हैं और आपने यहां पर सुबह-सुबह छोले भटूरे नहीं खाए ऐसा हो ही नहीं सकता। यहां पर आपको भांति भांति के छोले भटूरे मिलते हैं। दिल्ली का सबसे ज्यादा खाया जाने वाला सुबह का नाश्ता छोले भटूरे हैं। छोले भटूरे को खाने के लिए दिल्ली के कमला नगर जाना होगा।
दिल्ली की फेमस स्ट्रीट चाट
दिल्ली के स्ट्रीट पर आपको चाट की कई दुकानें दिख जाएंगीं। अगर आप चांदनी चौक जाते हैं तो आपको कई सारे चाट की दुकानें दिख जाएंगी जहां पर हमेशा भीड़ लगी होती है। सबसे अच्छी चाट चांदनी चौक पर ही मिलती है।
अमृतसरी नान
दिल्ली में छोले भटूरे के अलावा अमृतसरी नान भी बहुत प्रसिद्ध है। इसे छोले और पनीर की सब्जी के साथ बहुत चाव से खाया जाता है। यहां पर आपको नान के साथ लस्सी भी मिलती है।
दिल्ली के आस पास घूमने की जगह
दिल्ली के आसपास 250 किलोमीटर के अंदर बहुत सारी जगहें घूमने के लिए हैं। आप जयपुर का हवामहल देख सकते हैं। आप मथुरा, वृंदावन, गोकुल, बरसाना, गोवर्धन पर्वत आदि भी देखने जा सकते हैं। अमृतसर का गोल्डन टेंपल यहां से बहुत ही पास स्थित है। इसके अलावा आप आगरा का ताजमहल भी देख सकते हैं। हरिद्वार और ऋषिकेश भी बहुत पास में स्थित है।
दिल्ली के पास 1 दिन की सैर
अगर आपके पास केवल 1 दिन का समय है तो आप आगरा का ताजमहल देख सकते हैं। यह दिल्ली से बहुत ही पास स्थित है। यहां शनिवार से बृहस्पतिवार तक आप जा सकते हैं। शुक्रवार के दिन यह पर्यटकों के लिए बंद रहता है। आगरा का ताजमहल अपने सफेद संगमरमर के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर आपको बगीचे आदि देखने को मिल जाते हैं। यहां पर देश-विदेश के पर्यटक ताजमहल की सुंदरता को निहारने के लिए आते और अपने यादगार स्वरूप यहां पर वे फोटो आदि खिंचवाते हैं।
दिल्ली में रुकने की जगह
दिल्ली देश की राजधानी होने के कारण यहां पर देश-विदेश के पर्यटक आते रहते हैं। यहां पर आपको अपनी पॉकेट के अनुसार होटल मिल जाते हैं। आप इन होटलों को ऑफलाइन या ऑनलाइन दोनों तरीके से बुक करा सकते हैं। बाहर से आने वाले पर्यटक ऑनलाइन ही अपना होटल बुक करवाते हैं जिससे कि उन्हें यहां आने पर किसी भी प्रकार की कोई परेशानी ना हो।
दिल्ली जाने के लिए सबसे अच्छा समय
वैसे तो दिल्ली आप कभी भी आ सकते हैं लेकिन सबसे ज्यादा लोग गर्मी के मौसम में जब बच्चों के स्कूल बंद होते हैं तो लोग दिल्ली घूमने का अपना प्रोग्राम बनाते हैं।
दिल्ली कैसे पहुंचे
दिल्ली पहुंचने के लिए आपको सभी जगह से बस, ट्रेन और वायुयान आदि की सेवा मिल जाती है। आप भारत के किसी भी राज्य में निवास करते हो आपको वहां से किसी भी माध्यम से दिल्ली आ सकते हैं। अगर आप दिल्ली के आसपास के राज्यों में रहते हैं तो वहां से दिल्ली के लिए हर समय बस सेवा मिल जाती लेकिन अगर आप दक्षिणी राज्यों में या पूर्वोत्तर आदि के प्रदेशों से आना चाहते हैं तो आपको ट्रेन या वायुयान से यात्रा करने में अधिक सुविधा होती है।
दिल्ली की प्रसिद्ध जगह
दिल्ली एक पुरानी जगह तथा देश की राजधानी होने के कारण अपने आप में ही बहुत प्रसिद्ध है। यहां पर आप किसी भी जगह जाएं आपको वहां का इतिहास बहुत रोमांचित करेगा। अगर आप चांदनी चौक के शीशगंज साहिब गुरुद्वारा जाते हैं तो वहां का इतिहास आपके रोंगटे खड़े कर देगा। यहां पर औरंगजेब ने सिखों के नौवें गुरु गुरु तेग बहादुर जी का शीश कटवाया था और उनके सर को बीच सड़क पर टंगवा दिया था। जिसे उनके एक शिष्य लकी शाह बंजारा ने वहां से रात के अंधेरे में चुराकर अपने घर में गुरु तेग बहादुर जी का क्रिया कर्म किया था। इसी स्थान पर आज शीशगंज साहिब गुरुद्वारा स्थित है।
दिल्ली घूमने में कितना खर्चा आएगा
दिल्ली एक महंगा शहर है। अगर आप दिल्ली घूमने आना चाहते हैं तो यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि आप कितने दिन के लिए दिल्ली आना चाहते हैं। अगर आप 4 से 5 दिन के लिए दिल्ली आते हैं तो आप का खर्च 10 से ₹15000 के बीच में आता है। यहां पर आपको इसमें आपके रहने का खर्च, आपके खाने का खर्च तथा आपकी घूमने का खर्च आदि शामिल हैं। अगर आप यहां पर अपने यादगार के लिये कुछ खरीदना चाहते हैं तो उसके लिए आपको और अधिक जेब खाली करनी पड़ेगी।
साथ में क्या रखें
दिल्ली घूमने जाने से पहले कुछ जरूरी चीजें अपने साथ जरूर रखें जो आपके सफर को सुविधाजनक और आसान बनाने में मदद करेगा।
नीचे दिए गए सामान की एक छोटी लिस्ट है जिसे आप अपने ट्रैवल बैग में रख सकते हैं:-
पहचान पत्र और यात्रा दस्तावेज :- आपको अपनी फोटो आईडेंटिफिकेशन प्रूफ जैसे पासपोर्ट, ड्राइवर लाइसेंस, आधार कार्ड, वोटर कार्ड आदि अपने साथ रखना चाहिए। अगर आप टूरिस्ट है तो होटल बुकिंग टिकट, आईडी की फोटो कॉपी और डिजिटल कॉपी भी साथ रख लेना चाहिए।
मोबाइल चार्जर और पावर बैंक :- मोबाइल चार्जर और पावर बैंक भी रखना चाहिए ताकि फोन की बैटरी कभी भी खत्म ना हो।
फर्स्ट एड किट :- आपको अपने साथ फर्स्ट एड किट जिसमें बैंडेज, एंटीसेप्टिक क्रीम, पेन किलर आदि भी साथ ले जाना चाहिए।
कैमरा:- अगर आप फोटोग्राफी के शौकीन है तो आपको एक कैमरा या स्मार्टफोन कैमरा साथ रखना चाहिए ताकि आप खूबसूरत मोमेंट्स को कैप्चर कर सके।
छाता या रेनकोट :- अगर आप बारिश के मौसम में जा रहे हैं दिल्ली घूमने तो अपने साथ छाता या रेनकोट आदि रखना चाहिए।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट कार्ड :- अगर आप मेट्रो और बस से सफर करना चाहते हैं तो स्मार्ट कार्ड साथ रखे जिससे यात्रा करने में आसानी होगी।
FAQ
दिल्ली का सबसे खूबसूरत इलाका कौन सा है?
दिल्ली में घूमने के बहुत सारी जगहें हैं जिनमें से आप लाल किला, इंडिया गेट, कुतुब मीनार, लोटस टेंपल, इस्कॉन मंदिर, अक्षरधाम मंदिर आदि जगहों पर घूम सकते हैं।
दिल्ली के आखिरी हिन्दू राजा कौन था?
दिल्ली का आखरी हिंदू राजा सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य हेमू थे। उन्होंने साधारण परिवार में जन्म लेकर सम्राट की पदवी तक पहुंचे।
दिल्ली की सबसे प्रसिद्ध मिठाई कौन सी है?
दिल्ली शहर की गजक और रेवाड़ी पूरे देश में प्रसिद्ध है। इसके अलावा यहां के देसी घी की मिठाइयों को लोग बहुत पसन्द करते हैं।
लाल किला किस राज्य में स्थित है?
लाल किला दिल्ली राज्य में स्थित है। यहां पर 15 अगस्त और 26 जनवरी को ध्वजारोहण किया जाता है। 15 अगस्त को देश के प्रधानमंत्री अपना भाषण देते हैं।
नई दिल्ली को नया क्यों कहा जाता है?
नई दिल्ली का निर्माण पुरानी दिल्ली से हटकर रायसीना हिल क्षेत्र में अंग्रेजों ने 1911 में किया था। यह अपनी नई वास्तुकला शैली के कारण जो पुरानी दिल्ली से अलग था इसका नाम नई दिल्ली रखा गया था।
निष्कर्ष
इस लेख में दिल्ली में घूमने की जगह के बारे में बताया गया तथा यहां घूमने के लिए कौन-कौन सी जगह तथा घूमने में कितना खर्चा आएगा और कैसे घूमे इन सभी प्रश्नों की जानकारी विस्तार से दी गई हैं।
हम आशा करते हैं कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। अगर यह आर्टिकल आपको पसंद आए तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें।
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